मिल लीजो 'उल्लास भरतपुरिया' बी,अब तक पिसतावे। हाथ जोड री हूं बात मान जा, मत परदेसन कू जावे।। मिल लीजो 'उल्लास भरतपुरिया' बी,अब तक पिसतावे। हाथ जोड री हूं बात मान जा, मत परदे...
नन्हे से कदम है मेरे। नन्हे से कदम है मेरे।
सुख सुविधा वैभव छोड़ परिश्रम करने चलते हैं। सुख सुविधा वैभव छोड़ परिश्रम करने चलते हैं।
जीवन है एक बहती नदिया, हमको बस बहते जाना रे !....। जीवन है एक बहती नदिया, हमको बस बहते जाना रे !....।
बढ़ता जाता सफल वह जीवन। बढ़ता जाता सफल वह जीवन।
अब उन्हें जोड़ कर यत्नों से मैं निभा रही जीने की प्रथा लो अश्रुपूरित नेत्र लिए अब उन्हें जोड़ कर यत्नों से मैं निभा रही जीने की प्रथा लो अश्रुपूरित नेत्र...